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रक्षक (भाग : 10)

रक्षक भाग : 10

खण्ड - 04

बलिदान

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जेन्डोर ग्रह पर

युद्धक्षेत्र में

यूनिक के महल के अंदर….

“ये देखो, ये काला जीव!” - जयन्त रक्षक को एक काले जीव को सरकते हुए अंदर जाते दिखाता है जिसके बाद से प्रेवलीन के अंदर वो जीवित मैग्मा बनने लगता है।

“इसका मतलब ये तबाही अंधेरे ने ही फैलाई थी, केवल एक ब्रह्मशक्ति धारक को पाने और अपना गुलाम बनाने के लिए।” - रक्षक बोला

“शायद हाँ भी और ना भी” - जैक बोला,  “उसका मकसद हम सब की सोच से बहुत बड़ा है, उसने इसका दोषी उजाले को बनाया, जबकि वो शुरुआत से ही इस ग्रह पर नज़र रखे हुआ था।”

“यार….” - जीवन अपने माथे को पकड़कर बैठ गया। “ ये लोग भी कितना पागल होते है अपने स्वार्थ के लिए…. हद है।”

उधर undead के शिविर में-

आधी रात में ही undead अपने सेना को लेकर तैयार हो गया। अपनी पूरी सेना तैयार करते हुए उनके जोश बढ़ा रहा था।

"रक्षक न जाने कैसे मेरे हाथ से बच गया मगर ये उसकी किस्मत है, उसे मेरे हाथों मरना है, बहुत बुरी मौत दूंगा मैं उजाले के एक एक वाशिंदे को" - undead दहाड़ता हुआ बोला

पूरी सेना “हिर्राह……” की  जोरदार आवाज में  हुंकार भरने लगी, और निकल पड़ी रक्षक और उजाले के हर वाशिंदे का नामोनिशान मिटाने, कोई पुराना जख्म आज फिर ताज़ा हो गया था।

….कुछ देर पहले

जब undead अंधेरे के बेटे 'तमस' से बात कर रहा था।

"ये रक्षक जिंदा कैसे बच गया, मैंने उसे अपने हाथों से मारा था!" - undead तमस से रक्षक के जिंदा होने की बात सुनकर चिल्लाया।

"क्या तुम्हें इतना भी समझ नही है दोस्त, तुम एक बार फिर उसी के हाथ असफल क्यों हुए, आज तक तुमने सात सौ से ज्यादा ग्रहों पर अंधेरे का राज फैलाने में सहयोग दिया है, इसको तुम क्यों नही समझ पाते? " तमस बड़े प्यार से बोल रहा था पर उसके बोल फिर भी undead के हृदय को घाव दे रहे थे।

"मैं जानता हूँ महान तमस! परन्तु मैंने उसे मार डाला था, अब तो वो उसे ले जाकर उपचार कर रहे होंगे अगर वो ज़िंदा भी है तो और आपको अच्छी तरह से पता है मैं कायरो की तरह वार नही करता, पिछली बार मेरे वेश में कोई और गया था और लहू के हाथों मारा गया पर उन्हें पता चल गया कि undead जिंदा है।" - undead बोला

"नही! तुम गलत हो दोस्त, वे सब अभी भी युद्ध क्षेत्र में ही हैं और जहां तक मैं देख रहा हूँ रक्षक को एक खरोंच भी नही आया है, और बाकी सबके जिस्म से भी घाव भर ही चुके होंगे।" - तमस बोला।

"तो क्या हम इस वक़्त उनपर आक्रमण कर दे…
न...नही महान तमस! हम सुबह आक्रमण की तैयारी करेंगे।''

''मत भूलो दोस्त ये नाम, ये जीवन, ये शक्तियां मेरी दी हुई अमानत है, तुम्हे आज ही इस ग्रह को जीतना होगा, रक्षक और हरेक उजाले में रहने वाले प्राणी का अंत करना होगा।" - तमस बोला।

"ठीक है महान तमस! ऐसा ही होगा।"  undead बोला

"अच्छा हुआ कि रक्षक अभी ज़िंदा है, मैं उसे तड़पा तड़पाकर मारूंगा। हाहाहाहा…….."

वर्तमान में-

युद्धक्षेत्र में इन सबसे अनजान रक्षक और उसके साथी अब भी इसी विषय पर चर्चा कर रहे थे कि क्या सचमुच ये अंधेरे के बेटे की ही चाल थी या कुछ और भी है इसके पीछे, क्योंकि उसे पता चल गया था कि अनद ब्रह्मशक्ति पाने वाला है।

"अनद ब्रह्मशक्ति पाने वाला है, ये अंधेरे के बेटे को कैसे पता चला?" - जॉर्ज, जय की तरफ देखते हुए बोला।

"मेरे विचार से अंतरिक्ष हत्यारे को भी उसने ही शक्ति दी होगी, शायद उसे पता रहा हो कि वह ब्रह्मशक्ति योग था।

ब्रह्मशक्ति केवल सत्य के रक्षक को ही मिल सकती थी, इसलिए जैसे ही ब्रह्मशक्ति अनद को मिली, जिसके बारे में वो अब तक नही जानता, अंधेरे के बेटे ने अपनी घिनौनी चाल चल दी और एक सत्य के रक्षक को अंधेरे का सेनापति बना लिया।" - जय बोला।

"तो क्या अनद यानी कि undead ये नही जानता कि उसके पास ब्रह्मशक्ति है और वो अमर है!" - अंश ने हैरानी से पूछा।

"नही! उसे लगता है कि वो अंधेरे की काली शक्तियों के वजह से अमर है, वो उजाले को अपना दुश्मन मानता है।" - जय बोला

"तो क्या हम उसे अपनी तरफ नही कर सकते?" - जयन्त बोला

''काश ऐसा सम्भव होता! पर मुझे ऐसा नही लगता।" - रक्षक बोला।

"क्या हुआ!" अंश अपनी तलवार उठाकर अपना मास्क लगाते हुए बोलता है।

"इधर देखो भिड़ू लोग, अपना छोरा नियम तोड़ रेला है, चार - आठ से भिड़ने को पूरी फौज ला रेला है, आये हाए मैं मर जावां" - यूनिक प्रोजेक्शन बन्द करके खड़ा हो इठलाते हुए बोला

"कोई इसका रेडियो बन्द करो बे! कितना बकवास बोलता है ये…" जीवन गुर्राया

"ओये किसे बोल रेला है भिड़ू, पहले अपने undead से तो निपट लो" - यूनिक मस्ती में बोला।

"यूनिक तुम कुछ नही बोलोगे, जीवन तुम भी चुप रहो।" जय दोनो को शांत कराते हुए बोला।
इन्होंने आखिर रात में क्यों हमला किया, और रात में तो इनकी ताक़त और बढ़ जाती है कही फिर से दुबारा वही तो नही हो रहा!"

"जय!" - रक्षक बोला
"हां! कहो रक्षक! क्या हुआ" - जय जवाब दिया

"तुमने ब्रह्मशक्ति की काट नही बताया और तुमने कहा था वो मेरे पास है पर मेरे पास तो कुछ भी नही है।" - रक्षक बोला

" हाँ! वो हथियार तुम्हारे ही पास है, समय आने पर वो तुम्हारे हाथों में होगा, तुम्हे अपनी शक्तियों का प्रयोग सही से सीखना होगा रक्षक, तुम बहुत सी चीजें भूल गए हो और अपनी बीज़ पावर का तो तुमने कभी उपयोग ही नही किया।" - जय उसे रहस्यमय जवाब देते हुए बोला।

रक्षक और उसके सभी साथी और वहां उपस्थित हर सैनिक उस महल से बाहर निकलकर युद्ध के लिए तैयार होने लगे, यूनिक ने अपने महल बनाने में प्रयोग किये गए क्यूब क्रिस्टल्स को वापस छोटा करके रख लिया और अपने आकार को बढ़ाने लगा, अब वो 20 फुट का बड़ा रोबोट बन चुका था।

कुछ ही पलों में undead और उसकी काले राक्षसों की भयंकर सेना, धूल उड़ाते हुए वहां पहुँच चुकी थी। उसने अपनी सेना को चारो तरफ फैलने का निर्देश दिया, थोड़ी ही देर में उसकी सेना युद्धक्षेत्र में चारो तरफ फैल चुकी थी।
रक्षक को अब खुदपर पहले से थोड़ा ज्यादा भरोसा होने लगा था तो undead भी आज पहले से बहुत ज्यादा गुस्से में था।

"आज तुझे मरना ही होगा उजाले के रक्षक!" - undead अपने उर्जावारो का प्रयोग कर रहा था, जो काली रात में और ज्यादा चमक रही थी, बाकी सब undead के सैनिको से लड़ने लगे, undead और रक्षक दोनो आपस में ऊर्जाओं का प्रयोग कर लड़ने लगे।

Undead अभी अपने सामान्य रूप में ही था परन्तु उसकी शक्तियां बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी, उसने रक्षक की ओर एक ऊर्जा फेंकी, ( undead के शरीर में बसने वाली ऊर्जा काली शक्ति है, जो मुख्यतः नेगेटिव चार्ज है, जो किरणों के रूप में उसके शरीर से निकलती है।)

Undead की फेंकी किरण से रक्षक उछलकर बचता है और अपने हाथों से बीज़ किरण उसकी ओर फेंकता है, जिसे undead अपने फरसे से रोक लेता है रक्षक यह देखकर हैरान हो जाता है ।

Undead भी रक्षक पर पलटवार करता है जिसे रक्षक अपने तलवार से रोकता है, जो उस किरण को सोंख लेती है, जवाबदारी में रक्षक भी उसपर बी रेज़ से हमला करता है जिसे वो दुबारा अपने फरसे से रोकने की कोशिश करता है पर इस बार उसके फरसे में दरार पड़ने लगती है।

दूसरी तरफ अंश, जयन्त, स्कन्ध, जय, जैक, जॉर्ज, जीवन, यूनिक और अर्थ अलग अलग दिशाओं में undead की नई सेना से भिड़े हुए होते हैं, रात होने के कारण अंश की शक्तियां थोड़ी कम होने लगती है, फिर भी ये राक्षस उसके सामने बच्चे से ज्यादा कुछ नही थे।

यूनिक अपना 20 फूटा विशालकाय रूप धारण कर राक्षसों को अपने पैरों तले कुचल रहा था, उसपर लगने वाले घाव अपने आप रिपेयर होते रहते (यूनिक लाइव-मेटल का बना हुआ मशीनी यान और प्राणी है जिसमें होने वाली खराबी खुद-ब-खुद ठीक होती रहती है।) कुछ राक्षस बड़ा रूप धारण करके उसका सामना करने की कोशिश कर रहे थे, पर उन राक्षसों को एहसास तक न था की  उनका पाला गलत बन्दे से पड़ गया है, अपने सैकड़ो सालो के अनुभव और तीव्र मशीनी दिमाग की मदद से यूनिक हर एक की तोड़, एक पल में ही निकाल लेता, बुरी तरह घबराए राक्षस उसके शरीर पर चढ़ने लगे, यूनिक ने अपने शरीर मे आर्मर कटर बनाकर उन सबको काट डाला, आज  उन दरिंदो में भी यूनिक सबसे बड़ा दरिंदा नज़र आ रहा था, उसके शरीर का हर पार्ट काले खून से भीग चुका था, पर वो नही रुकने वाला क्योंकि वो सबसे अलग है, वो यूनिक है। एक पागल वैज्ञानिक का आविष्कार है यूनिक।

अर्थ और उसकी बची हुई छोटी सी सेना को इतने बड़े-बड़े राक्षसो का सामना करने में मुश्किल हो रही थी पर वे अपने खास यंत्रो और पूरे आत्मविश्वास से उनका सामना कर रहे थे, अर्थ अपनी सेना का जोश बढ़ा रहा था परन्तु दिनभर की लड़ाई ने उन सबको बहुत थका दिया था।

4J के लिए ये राक्षस नए नही थे, उन्होंने ऐसी लड़ाईया कई ग्रहों पर लड़ी थी, क्योंकि वे खोजी योद्धा थे। आज की रात और काली होती जा रही थी, हर एक योद्धा के पास सैकड़ो सालो का अनुभव था इसलिए बड़ी आसानी से राक्षसों का सफाया कर पा रहे थे, राक्षस अपने विशेष हथियारों से, (जिनमे कई नुकीले अस्त्र थे तो कई फरसे के आकार आकृति के थे, कई हथियार बड़े गोले के रूप में थे और बड़े से बाण के आकार के थे।) से प्रहार कर रहे थे, 4J उन सभी के वारो को रोककर उनका आसानी सफाया कर रहे थे।

अंश, जयन्त और स्कन्ध के बारे में कोई नही जानता (4J और खुद उनके अलावा) पर उनके युद्धकौशल से वो रक्षक से कम नही लग रहे थे।

अंश के पास बिजली की शक्तियां थी, जिसे वो अपनी कमर पट्टिका में रखता था, उसकी बिजली ने कमाल का कहर बरपाया हुआ था, पर रात होने पर नीले सूर्य से उसे ऊर्जा नही मिल रही थी जिससे वो थोड़ा कमज़ोर महसूस कर रहा था, उसकी तलवार एक बार में ही जाने कितने राक्षसों का सीना चिर-फाड़ देती, और उसका सुरक्षा कवच उसे भीषण वारो से बचाए हुए था।

स्कन्ध और जयन्त एक टीम की तरह कार्य कर रहे थे। उनके हथियार अद्भुत और विलक्षण थे।न जाने कितने लाखो हथियारों का पिटारा है उनके पास, कभी  हथियार खत्म ही नही होते, दोनो की जोड़ी 4J के समान ही कमाल की थी। सब के सम्मिलित प्रयास से धीरे-धीरे अंधेरे की सेना खत्म होने लगी।

रक्षक और undead अब मल्लयुद्ध करने लगे थे। शक्ति में कोई किसी से कम नही था पर आत्मशक्ति रक्षक की थोड़ी कम थी, undead उसे उठाकर कपड़े की तरह जमीन पर पटकने लगता है, जमीन में एक गहरा गड्डा बन जाता है, रक्षक अपने पैर में undead का सिर फंसाकर अपने पीछे फेंक देता है, undead तुरंत उठ खड़ा होता है और रक्षक के मुँह पर जोरदार घूसा मारने की कोशिश करता है जिससे रक्षक झुककर बच जाता है, और उठते हुए उसके सीने पर पंच करता है, undead रक्षक के हाथों को पकड़कर मोड़ देता है  पर रक्षक उसी की दिशा में पूरा शरीर घुमाते हुए एक और चक्कर घूमता है जिससे undead के दोनों हाथ आपस मे उलझ जाते हैं।

रक्षक उससे लड़ते हुए उसे उसके अतीत के बारे में बता रहा था पर undead कुछ भी सुनने को तैयार नही था, उसने रक्षक को जोरदार घुसा मारा, जिसे रक्षक अपने एक ही हाथ से रोक लिया, undead अपने दूसरे हाथ से ऊर्जा किरणों की तलवार बनाकर मारने को तैयार हुआ जिसे रक्षक अपनी बी किरण के एक ही वार से काट दिया और जोरदार घुसा उसके मुँह पर मारा।

Undead का क्रोध अब बढ़ने लगा था, उसके शरीर मे फिर वही आश्चर्यजनक परिवर्तन होने लगे, सिर पर दो बड़ी बड़ी सींगे, काली आँखे, नाखून जैसे तलवारे हो और कद जैसे पहाड़ हो।

Undead अपने पैरों से रक्षक को कुचलने के लिए आगे बढ़ा, जिसे रक्षक अपने दोनों हाथों से रोकने का भरपूर प्रयास किया पर वह असफल हो रहा था, ये होते हुए अंश ने देख लिया और अपनी पूरी ताकत से उड़कर undead को उछालकर दूर फेंक दिया, undead अंश से लड़ने लगा जिससे रक्षक को संभलने का मौका मिल गया।

"अब इसे मैं संभाल लूंगा अंश! तुम बाकियों की सहायता करो।" रक्षक लड़ने के लिए तैयार हो अंश से बोला।

रक्षक अपने बीज़र किरणों की सहायता से एक बड़ा सा चक्र बनाकर undead की ओर फेंकता है, जिसे undead अपने दोनों हाथों से तोड़ डालता है, रक्षक का हर प्रयास असफल होता जा रहा था वह अब भी उसे यह बताने की कोशिश कर रहा था कि उसके ग्रह और परिवार को नष्ट करने में उजाले का कोई हाथ नही था।

"अनद सुनो तुम, अवि उपमा!  याद है न..!" -  रक्षक undead के हाथों पर चढ़ते हुए बोला।

"क्या कहा तुमने!" Undead अपने हाथ पर चढ़े रक्षक को दूसरे हाथ से पकड़कर पकड़कर अपने चेहरे के सामने लाकर बोला। " अनद! ये नाम सदियों पहले ही उस ग्रह के साथ मर गया जिसे उजाले ने नष्ट कर दिया, मैं उस उजाले को मिटा दूंगा।" कहता हुआ undead रक्षक को और कसकर दबाने लगता है।

रक्षक को अब क्रोध आने लगता है उसकी आँखें लाल होने लगती हैं पर वह क्रोध को नियंत्रित करने की कोशिश करता है, धीरे धीरे उस असहनीय जकड़  में भी रक्षक खुद को नियंत्रित कर लेता है, उसकी लाल आंखे अब श्वेत होने लगती हैं।

"अंधेरे ने मुझे अपनाया, मुझे शक्तियां दी, मुझे अमरता दी ताकि मैं उजाले को मिटा सकूँ, तुम्हें मिटा सकूँ हाहाहाहाहा…." - undead जोरदार अठ्ठाहस करता हुआ बोला।

रक्षक को अपनी हड्डियां कड़कती हुई महसूस होने लगे, undead की पकड़ असहनीय थी परन्तु रक्षक अब उसपर कोई वार नही कर रहा था, वो ऐसा क्यों कर रहा था?

"तुम्हे गलतफहमी है अनद! अंधेरे ने सिर्फ तुम्हारा इस्तेमाल किया, तुम्हें ब्रह्मशक्ति मिली हुई है, तुम्हारे ग्रह तुम्हारी पत्नी, दोस्त और तुम्हारे बेटे की मौत का जिम्मेदार वही अंधेरे का बेटा है, जिसे तुम अपना मानते हो।" - रक्षक undead के आँखों मे देखता हुआ, एक एक शब्द पर जोर देकर बोलता है।

जाने क्यों undead रक्षक की ये बात सुनकर विचलित होने लगा, वह असमंजस में पड़ गया।  वह अपनी पकड़ ढीली करने लगा, और धीरे धीरे सामान्य रूप में आने लगा, अब तक सारे राक्षस मारे जा चुके थे, undead अपने सामान्य रूप में आ चुका था।

"मुझे मार डालो रक्षक!" - बस इतना ही कहा undead ने और घुटनों के बल धरती पर बैठ गया।

क्रमशः....

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3 Comments

Hayati ansari

29-Nov-2021 09:56 AM

Nice

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Niraj Pandey

08-Oct-2021 04:46 PM

वाह बहुत ही बेहतरीन👌

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Seema Priyadarshini sahay

05-Oct-2021 12:12 PM

सुंदर भाग

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